आशाएं | कहते हो वक्त नहीं है | ऐसे ही जिये जाने को दिल करता है
आशाओं के समंदर में चलो डूब चलें।
नई उम्मीदों के पर लगा कर चलो उड़ चले।
ज़िंदगी तो इम्तिहान लेती रहेगी-
हार जीत के फैंसलों को यहीं छोड़-
चलो नया आकाश ढूँढे।
आशायें वो मौसमी बारिश सी हैं-
जिसकी छुअन ज़िन्दगी को सुकून देती हैं।
आशाओं के साथ ही तो ज़िंदगी चलती है।
हर नयी आशा के साथ नई सुबह होती है।
चलो अपना -अपना आसमान तलाशें
उम्मीदों के बादलों में झाँकें ।
फिर देखो कैसे आशाओं की बारिश जीवन को एक नया सबब देगी ।
नई राहें खुलेगी नई मंजिलें मिलेंगी..
-प्रतिभा आहूजा नागपाल
तू अपना कदम बढ़ाए चल
मुश्किलों की परवाह ना कर
अपनी मंजिल पर बना ऐसे नजर
जैसे कोई धनुर्धारी रखता
अपने निशाने पर नजर
चाहे कितनी भी कंटीली हो डगर
उस पर फूल बिछाने का तू रख हुनर
फिर देख तेरी हिम्मत क्या दिखाएगी असर
खुदा भी आकर पूछेगा
बता-क्या लिखूं तेरी हथेली पर।
-ऋतु जैन
मेहनत करते करते
कुछ पता न चलता
बेहिसाब हल हो जाता
सिर के उपर का अफसाना
-सर्वेश कुमार गुप्ता
मेहनत और जुनून जाने कितने ही
बड़े से बड़े विषयों को
चुटकी बजाते ही हल कर देता है ।
-मंजू लता
“टेक्नोलॉजी और इंसान अगर
मिल जाये तो ,हो जाये हर काम
आसान ‘ ।
रोक न पाये कोई ऊँची उड़ान ” ।
-मृदुला सिंह
कहते हो वक्त नहीं है
मुहब्बत का आगाज़ कर हमें बहला दिया,
तुम से है बेपनाह इश्क हमें भरमा दिया,
तेरे इश्क की चाशनी में डूब खुद को भूल गये,
कहते हो वक्त नहीं है ये कह हमें रुला दिया।
क्या करें हम हमारा दिल तुम बिन नही लगता है,
तुम से बातें करना इन्तजार करना अच्छा लगता है,
तुमने तो ही दूध में से मक्खी की तरह बाहर निकाल दिया,
तुम को तो नये चेहरों के पीछे भागना अच्छा लगता है। ।
-डाॅ राजमती पोखरना सुराना
वक़्त है बहुत मूल्यवान
एक जैसा कभी न रहता
अच्छे कामों को है काम का
जो करता सम्मान इसका
वह समझदार बन जाता
कैसे कहते हो वक़्त नही है
-अनीता गुप्ता
उम्मीदों की चाहत मे
हज़ारों सपने हम बुनतें रहे
देखो वक़्त आया है
इन्हें आयाम देने का
चलो साथ मेरे तुम भी
मिलकर नया आसमान खोजें
नई दिशाएँ होंगीं ,नई रोशनी होगी
उस आसमान में चलो हम भी सूरज बनके चमकें
अपनों के सपनों को पूरा कर डाले
उनकी आँखों में ख़ुशी के दीप जलें
आओ मिलकर अपना -अपना आसमान खोजें
ज़िंदगी को नए रंगों से भरे…
-प्रतिभा आहूजा नागपाल
आज के इस तेजी से बदलते दौर में
नई तकनीक नहीं सिखोगे
फिर कदम से कदम कैसे मिलाओगे
हाथ मलते ही रह जाओगे।
-ऋतु जैन
कहते हो वक्त नहीं है
वक्त कहीं नहीं जाता
वक्त के साथ जरूरतें बदल जाती हैं
वक्त के साथ संबंध बदल जाते हैं
प्राथमिकताएं बदल जाती हैं
नजरें बदल जाती हैं
अब अगर वक्त नहीं है तो कब होगा
एक पछतावा लिए जाने से अच्छा है
वक्त को आज ही वक्त दे दो
ना जाने कल हो ना हो
-मधु खरे
जिससे बने हो तुम
जिसके आंचल मे खा
खेल तुम पुष्ट हुए हो
अब कृशकाय उस धारिणी
को सहारा देने असहाय हाय तुम
कहते हो कि वक्त नहीं है।
-नीति जैन
हमने तो साथ तुम्हारे
अपनी ज़िंदगी जोड़ दी
घर आँगन अपना छोड़
अपनी ज़िंदगी मोड़ ली
रास्ते बदल डाले
अपनी इच्छाएँ होम कर दी
जीवन की कशमकश में
शीशे से दोस्ती तोड़ ली
तुम्हारे साथ के इंतज़ार में
तहाँ ज़िंदगी इंतज़ार में काट दी
और तुम कहते हो वक़्त नहीं हैं…
-प्रतिभा आहूजा नागपाल
कहते हो वक़्त नही है, जैसे
मझधार में हो नाव और
किनारा भी नही कहीं
ये वक़्त का उलाहना गलत है,
वक़्त तो आयेगा और जायेगा
वक़्त और जिंदगी है एक सच।
-सर्वेश कुमार गुप्ता
सारा वक्त मौज मस्ती में बिताते हो
वक्त को बेकार ही जाया करते हो
कहते हो कि वक्त नहीं
अरे वक्त को मुट्ठी में बाँधो
अपने मेहनत से वक्त को अपना समर्थक बनाओ
तभी कायनात झुकेगी तुम्हारे आगे ।।
-मंजू लता
कहते हैं वक्त नही है, जबकि
उलझे है तेरा मेरा माया मोह के
बेकार के चक्करों में ।
ईश्वर ने दिया मनुष्य का तन करों
इसका सदुपयोग अच्छे कामों में ,
और लोगो की भलाई करने में ।
होगा आत्मा परमात्मा का मिलन
मिलेगा ” आत्म शांति ” ‘ ।
-मृदुला सिंह
कहते हो वक्त नहीं है….
कहते हो वक्त नहीं है…
हमने तो कभी वक्त देखा ही नहीं….
जब भी वक्त आया …
हमने साथ निभाया..!!
-नेहा भगत
आज फिर भूले बिसरे सपनों
को पंख लगाने का जी करता है,
ना जाने क्यूं खुद से प्यार करने को जी करता है,
ना जाने क्यूं अब हर दिन इक पल सा लगता है
अब ऐसे ही जिए जाने को जी चाहता है।
-ऋतु जैन
ऐसे ही जिये जाने को दिल करता है
हर पल माता पिता का मान बढ़ाने को मन करता है
उनकी हर मुस्कुराहट की नजर उतारने को मन करता है
हमेशा रहे वो और उनका आशीर्वाद संग मेरे
बस यही प्रार्थना में जीवन बिताने को मन करता है
-प्राची शिखा
दौर कयामत का जो गुजरा है दुनिया से अभी अभी ।
लोगों ने जींदगी की कीमत पहचानी है मौत को देखा है पास से अभी अभी ।
इसलिए खुद खुश रहने गैरो को खुश रखने को दिल करता है ।
ऐसे ही जिये जाने को दिल करता है ।
-दीपाली जाधव
दिल में आज फिर अरमान जागा हैं।
हसरतों की दहलीज़ पार कर सब कुछ भूल जाना चाहती हूँ।
अंधेरे कमरों को छोड़ रोशनी में फ़ना हो जाना चाहती हूँ।
पिंजर को तोड़ क्षितिज तक उड़ जाना चाहती हूँ।
बेपरवाह ,बेख्याल अपने तसव्वुर मे गुम हो जाना चाहती हूँ।
मैं ‘मैं’ में ही खो जाना चाहती हूँ ।
बग़ावत कर बाग़ी हो जाना चाहती हूँ ।
कशमकश के ज़र्रों को ख़ाक कर देना चाहती हूँ ।
हाँ -आज ऐसे ही जिए जाने का दिल करता है….
-प्रतिभा आहूजा नागपाल
ऐसे ही जियें जाने को दिल करता है
तेरे साथ ही मुस्कराने का दिल करता है,
तेरे साथ ही लम्हा गुजारने का दिल करता है,
तेरी बाँहों के आगोश में सुकूँन जहाँन भर का,
तेरे साथ ऐसे ही जिये जाने का दिल करता है। ।
-डाॅ राजमती पोखरना सुराना
ऐसे ही जिए जाने को दिल करता है
जो उम्मीदें हैं , पूरा करने को खुद को तैयार किया करता हुं
आसमां खुला है, धारा पर रहकर हर मुश्किल को पर किया करता हुं,
हौसलों को रफ़्तार बिजली की देकर, खुद को लक्ष्य की ओर आकर्षित करता हुं।
-हरमिंदर कौर
ख्वाहिशों को अब संतोष के रंग में रंग दिया है
शिकायतों का पिटारा झाड़कर खाली कर दिया है
न किसी को खोकर मन उदास है
न ही किसी को पाने की प्यास है
अब खुद पर प्यार लुटाने का मन करता है
ऐसे ही जिए जाने का मन करता है।
-नीति जैन
ऐसे ही जिए जाने को दिल करता है
खुली आंखों सपने देखने को दिल करता है।
मृगतृष्णा के पीछे भागने की चाह नहीं
पर कस्तूरी को पाने को दिल करता है ।
बहारों की मंजिल थोड़ी गुमनाम ही सही
उसे अपनी मुट्ठी में करने को दिल करता है।
दुख की घटाएं हो या मुश्किलों की बिजलियां
अंधेरी राहें उजालों से भरने को दिल करता है।
एक एक मिलकर हम बन जाएंगे ग्यारह
दोस्ती का कारवां बनाने को दिल करता है ।
-रंजना मजूमदार
बन जाऊं महक फूलों की हवाओं में
बन कर कविता भरूँ रंग शब्दों में
बन कर तारा खो जाऊँ नील गगन में
बन कर साथी बस जाऊँ किसी दिल मे
ऐसे ही जिये जाने को दिल करता है
-अनीता गुप्ता
ऐसे ही जीने को जी करता है
साथ मैं मुस्कराने का जी करता है
साथ बैठकर बहुत सारी बाते करने का जी करता है
तुझे हर समय मुस्काते देखू बस यही दिल करता है
तू सलामत रहे बस यही दिल करता है
तेरी सारी परेशानिया जल्दी से दूर हो जाए
बस यही दिल करता है
बस यही दिल करता है
-मीणा कर्मकार