कोई किसी का नहीं | मन को इतना सुंदर बनालो
एक बार ही मिलती है जिंदगी
कभी धूप कभी छाँव है जिंदगी
क्यों डरते हो जिंदगी से
ज़िंदादिली से जियो जिंदगी।
— Anita Gupta
ज़िंदगी एक खुबसूरत पल है,
इसे खुशी -खुशी बिताओ !
क्यों डरते हो जिंदगी से,
संघर्षों में तपकर भी
इसे खुलकर गले लगाओ !!
— Pushpa Pandey
क्यों डरते हो जिंदगी से…
जिंदगी तो बस एक छलावा हैं
कसके पकड़ोगे तो हाथ से निकल जाएगी
बनके रेत मुट्ठी से फ़िसल जायेगी….
बस हर पल जी लो इसके लम्हे को
बस वही तो ये जिंदगी मुस्कुराती नजर आएगी……
Radha Shailendra
क्यों डरते हो जिंदगी से, जिंदगी का तो अपना फलसफा है
कुछ न कुछ सीख सीखा जाती है,
डरो तो लोगो से जिन्हे अपना बनने का स्वांग रचाना आता है।।
— Shipra Bhagat Sachdeva
क्यो डरते हो जिन्दगी से
अचानक ही क्या हुआ जो डरने लगे हो तुम,
जब किया नही बुरा तो क्यो भागने लगे हो तुम,
क्यो डरते हो ज़िन्दगी से तुम ये बड़ी हसीन है,
हंसते मुस्कराते पलो मे शहंशाह लगने लगे हो तुम।।
— Rajmati Pokharna Surana
क्यों डरते हो ज़िंदगी से, जिंदगी एक पाठ की तरह है।
जब तक नहीं पढ़ते, कठिन लगता है।
जब धीरे-धीरे पढ़ने लगते हैं तो धीरे-धीरे
सब कुछ समझ आने लगता है।
इसे तन्मयता से पढ़िए और अपने प्रश्नों को स्वयं हल करिए।
— Kavita Prabha
क्यों डरते हो जिन्दगी से
जब्कि है ये इतनी खुबसूरत
जिन्दगी के हर पलों को जीना सीखिए
जिन्दगी के धूप से मिलती है अगर उर्जा
तो उसके छाँव में सुस्ताना भी सीख लीजिए ।।
— Manju Lata

मन को इतना सुंदर बनालो
कलियों, मुहब्बत सा महका लो
झरनो, ख्वाबों सा सजा लो
अपने अंदर को देवालय बना लो!
— हरमिंदर कौर
मन को इतना सुंदर बना लो,
दिल मे सबके जगह बना लो,
सारी दुनिया मुठ्ठी मे भरकर,
खुशियो का जहान बना लो।।
— Rajmati Pokharna Surana
मन को इतना सुन्दर बना लो,
हर रात की कलिमा में उजाले का एहसास हो l
पतझड़ भी वसंत सा लगे,
शत्रु भी गर सामने आ जाए, वचनों में फूलों की बरसात हो l
— Amarjeet Kaur Matharou