नन्हे मन की दुनिया में कुछ स्वप्न सजीले हैं……….
कुछ अनथक आशाएँ हैं…….
चाहे राह कँटीले हैं……सब पा लेने की इक चाह निराली है……
नन्हे मन की दुनिया की हर राह निराली है….!
Seema Bhargave
कुछ बदले.. कुछ नही
जिनसे थी उम्मीद.. न बदले,
है न ये मन की दुनिया !!
– Sarvesh Kumar Gupta
न कोई अपना नाही पराया, बेफिक्र जिंदगी
अल्हड़ आदतें , मोहक पहचान ,
जिसे देखा? अपना ही लिया मान
और कुछ नहीं होता
नन्हें मन की दुनिया में
सच में उनके साथ ही है जिंदगी की जान ।।
– Rani Nidhi Pradhan
नन्हें मन की दूनिया , मासुमियत से भरपुर ,
छोटी छोटी ख्वाहिशें , और हरदम खुश ।
बेबाक अल्हड़पन , प्रशनों की दुकान ,
जो भी रंगा उनके रंग ,भूल गया अपने ढंग ।
क्षण में रुष्टा, क्षण में तुष्टा , नही किसी से वैर ,
बेफिक्र सी जिदगी , हरदम उड़ने को आतुर ।
बेगाने को भी अपना बना ले ,जो ठान लें वो कर जाये,
हर तरफ खुशियां फैलाये ,देवता भी देख मुस्काये ।
– Mridula Singh
नन्हें मन की दुनिया में, अनगिनत स्वप्न सजाते हैं।
दुनिया का मन तो छोटा है, हम दिल में नई दुनिया बसाते हैं।
नन्हे-नन्हे हाथों से इसकी तकदीर बनाते हैं,
मीठी सी मुस्कान से दुनिया को बेहतर बनाते हैं।
– Kavita Singh
नन्हे मन की दुनिया में, सारे ही तो अपने हैं।
नहीं कोई पराया जग में, कितने सुखद सुनहरे सपने हैं।
ज्यों ज्यों मन की मति है बढ़ती, दुखों का बादल छाता है।
अपने पराए के खेल में , मानवता का साथ छूट जाता है।…..
– Mamta Grover