ज़िंदगी भर काम आया | हमारी प्यारी हिन्दी भाषा | अपनी राह पर ख़ुद चलना है

मराठी,कन्नड़,तमिल,
कश्मीरी या सिंधी
हर बोली में है छलकते
अपार शब्द हिंदी।

हार–श्रृंगार जैसे अधूरा
बिन कुम–कुम और बिंदी,
जनमानस की भाषा,
हृदय की धड़कन है हिंदी ।

देवनागरी लिपि, गुड से मीठी,
जननी जिसकी संस्कृत,शब्दकोश
इसका आकाशगंगा सा है विस्तृत ।

अजब –गज़ब सी है ये,बाहें
फैलाए अन्य भाषाओं
को भी गले लगाया है,
‘मातृ से मदर, भ्राता से ब्रदर ’
दुनिया ने भारत से ही तो पाया है।

भले आज अंग्रेज़ी का बोलबाला
और पलड़ा थोड़ा भारी है,
विश्व भर में चौथी अत्यधिक
बोली जाने वाली भाषा
हिंदी– अनमोल,अलबेली,
अतुल्य और न्यारी है ।

अपने ही घर में,अपनों के बीच
बन गई हिंदी अब पराई है,
‘मां–भूक लगी’अब
‘मॉम–अम् हंगरी ’हो गई?
न जाने कैसी ये पराई लाग लगाई है।।

फर्राटेदार अंग्रेजी जो आज कल
के युवा झाड़े है…
संस्कारों को स्वयं हाथों से
अपने मिट्टी में गाड़े है ।।

राष्ट्र भाषा ‘पढ़े –लिखे गंवारों ’
में से चाहे गायब है,
गली को गांव से,गांव को
शहर से जोड़े,राजभाषा
अद्भुत और नायाब है ।

भूल कर अपनी जड़ों को,
अंग्रेज़ी में जो तुम इतराओगे,
लुप्त होजाएगी तुम्हारी पहचान,
हिंदी से जो तुम कतराओगे ।।
– Swetha Sundar


हिंदुस्तान का श्रृंगार है हिन्दी भाषा
आर्यावर्त का मान है हिन्दी भाषा
मन के भाव जो व्यक्त कर सके…..
हम सब की पहचान है हिन्दी भाषा
संस्कारों से परिपूर्ण……सभ्यता का आधार है हिन्दी भाषा
पुनः पुनः नतमस्तक होती हूँ…..
जब पढ़ती ..बोलती ..सुनती हूँ हमारी प्यारी हिन्दी भाषा …..
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
– Seema Bhargave


हिन्दी है हम, वतन हैं हिंदुस्त्तान हमारा।
कितना अच्छा और प्यारा हैं नारा।।
अंग्रेजी का हम पर असर हो गया ।
हिन्दी का मुश्किल सफर हो गया।।
देसी घी आजकल बटर हो गया ।
चाकू भी आजकल कटर हो गया।।
अब मैं आपसे इज़ातत चाहती हू।
हिन्दी की सबसे हिफाजत चाहती हूं।।
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
– Simi Taneja Kalra


हमारी प्यारी भाषा है हिंदी
भारत मां के माथे की है बिंदी
हिंदी को बोलना लिखना है ऐसे
मां के हाथ का खाना हो जैसे
यदि भारतीय संस्कृति को है बचाना
हर किसी को हिंदी को अपने दिलों में है सजाना।
– Ritu Jain


ज़िंदगी भर काम आया | हमारी प्यारी हिन्दी भाषा | अपनी राह पर ख़ुद चलना है
ज़िंदगी भर काम आया | हमारी प्यारी हिन्दी भाषा | अपनी राह पर ख़ुद चलना है

हमारी प्यारी भाषा हिंदी,
जैसे सरस्वती के भाल की बिंदी,
जैसे बिंदी बिन श्रृंगार अधूरा,
वैसे बिन हिंदी हिंदुस्तान अधूरा…
– Manju Lata

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