ऊबड़ खाबड़ रास्तों पर लड़खड़ाते, चलकर
सीधी डगर पर चलना आसान लगता है ,
आंधियों, कड़कड़ाती बिजली और तूफान के बाद
धुला उजला नीला आसमान दिखता है,
इम्तिहानों की भट्टी में दहककर गुजरा हुआ सोना ही
कुंदन बनकर चमकता है दमकता है ।
इम्तिहानों से हंसकर गुजरने वाले का चरित्र
हम सबके लिए अनुकरणीय बनता है।
— Neeti Jain
जिस प्रकार आग में तपकर ही सोना कुंदन बनता है।
उसी प्रकार इंसान इम्तिहानों से
गुज़रकर ही ज़िन्दगी जीना सीखता है।
— Kavita Prabha
इम्तिहानों से गुजर कर आज मैंने यह जाना
हर इम्तिहान का नतीजा मेरी मशक्कत के अनुसार
हो तय हैं यह मुमकिन नहीं हो पाना
हर बंदे का फर्ज है हर हाल में
नेक नियत से सिर्फ मशक्कत ही करते रहना
— Ritu Jain
इम्तिहानों से गुजरकर ही इन्सान
खरा सोना बनता है
जीवन की ऊँच _ नीच समझता है
सहज और सरल जीवन पीता है ।।
— Manju Lata
जिंदगी कभी गम देती है ,
जिंदगी कभी खुशी देती है।
ये सफर जाने न कोई कैसा है ,
क्योंकि जिंदगी इमतिहान ही है।।
— Sarvesh Kumar Gupta
हदो को पार कर खुद को साबित करना,
जद्दोजहद ज़िन्दगी की उसे समझना,
अच्छाई और बुराई के साथ सामंजस्य ,
कठिन है बहुत सच्चाई के साथ अडिग रहना।।
— Rajmati Pokharna Surana
जब दूसरों को नही
खुद को बदलोगे..
खुद ही साबित हों जाओगे!!
— Sarvesh Kumar Gupta
खुद को साबित करना हो तो
कुछ करके दिखाइए,
कुछ बन कर दिखाइए,
समाज के लिए आदर्श बनिए,
अपने लक्ष्य को प्राप्त कर,
सब के लिए उदहारण बनिए।
— Anita Gupta
बचपन से मेरे ज़ेहन में उठता एक ही सवाल ….
आख़िर क्यूँ …?
ख़ुद को साबित करना ,
क्यूँ इम्तेहानो के दौरो से गुजरना .
कोई मुझे अच्छा , बुरा , उत्तम , श्रेष्ठ बताने वाला होता कौन ?
दूसरे को परखने वाले अपनी बारी रहते मौन .
मेरा हर गुण अपना है ,
सुख भी अपना है ,
दुख भी अपना है ,
मेरा अपना व्यक्तित्व व्यवहार है .
क्यूँ मै अपनी आत्मा को दबाऊँ
और ज़माने को ख़ुश कर जाऊँ .
जानती हूँ नज़रों को नज़रंदाज़ करना होता है मुश्किल ,
पर ख़ुद को साबित करने की दौड़ में नही …..
अपने मज़बूत इरादों संग अकेले चलने से मिल जाती है मंज़िल .
— Babita Chouhan Pawar
आसमान में फैली ये सिन्दुरी आभा
मानों कहे कोई मूक संदेश
परछाईं इसकी गजब ही ढाए
जब पड़े नदिया , सागर के आंचल में ।।
— Manju Lata