अतिथि Post: धक्कमधुक्की (PUSH AND PULL)

अतिथि Post: धक्कमधुक्की (PUSH AND PULL) कल सुबह से ही दिन थोड़ा आलस वाला था । ये बदलता मौसम ही आलस दे जाता है , कई सारे काम सुबह से इंतजार कर रहे थे और  मन सब … Read more

मै खुद से खुद को जोड़ आई

अतिथि Post: Ranjeeta Ashesh-मैं खुद से खुद को जोड़ आई

मैं खुद से खुद को जोड़ आई बेपरवाह, बेसुध सा समन्दर मस्ताए, अपने खारेपन पर देखो कितना इतराए, उसकी भीगी रेत पर मै पैरों के निशां छोड़ आई, मैं खुद से खुद को जोड़ आई। … Read more

हिंदी का बहिष्कार क्यों

अतिथि Post: Rishika Ghai-हिंदी का बहिष्कार क्यों?

हिंदी का बहिष्कार क्यों? हिंदी से सरल कोईभाषा नही फिर भीझिझक होती है बोलने में इतनीन जाने ऐसे क्यों होता है? मातृभाषा होते हुए भी नकारी जाती हैऔर अंग्रजी को बड़ावा मिलता हैदेशवासी भूल जाते … Read more

अतिथि पोस्ट: Anupama Jha, अमर कविता

अमर कविता अमर,अजेय निर्भीक, निर्भय सब कालों में व्याप्त है कोई उसका पर्याय नहीं यह स्वयं पर्याप्त है, शब्द है यह गाथा है काव्य है,यह कविता है हर युग में, हर काल में लिखा गया,कवि … Read more

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