संकोच है किस बात का | जाना पहचाना लगता है
संकोच है किस बात का | जाना पहचाना लगता है यह कभी भी कम सच नहीं है कि यह मुश्किल दिनों में से एक है, हम उन चीजों पर काम करने की कोशिश करते रहते … Read more
from thoughts to poetry
संकोच है किस बात का | जाना पहचाना लगता है यह कभी भी कम सच नहीं है कि यह मुश्किल दिनों में से एक है, हम उन चीजों पर काम करने की कोशिश करते रहते … Read more
अपने दिल की सुनों | विश्वास किसी पर | कोई तरीक़ा तो होगा अपने दिल की सुनोंअक्सर देखा है जमाने में ,दूसरों से की मुहब्बत मुकम्मल नहीं होती।अगर करनी है मुहब्बत मुकम्मल यारों,तो दूसरों से … Read more
उम्मीदों की खिड़की | कभी अगर मैं रूठ जाऊं | खोजने से मिल जाता है उम्मीदों की खिड़की सदैव ले आती है रोशनी की किरणमुर्दों में भी जान आ जाती है ,आकाशी ताकतें करवटें लेने … Read more
अपनी क्षमता को तो तुम जानो | हर एक दोस्त जरूरी होता है क्यों घबराते होक्यों हार मानते होएक कदम बढ़ाकरअपनी क्षमता को तो तुम जानो।– Anita Gupta नहीं कभी पथभ्रमित होनाआत्म साक्षात्कार करो,क्षण मात्र … Read more
अपने मन से पूछो | मन की कोमलता मत खोना | खालीपन इस दुनिया का | अपने मन से पूछोकुछ भी करने से पहलेपर ये चंचल प्रकृति का हैइसे शान्त कर के ही पूछना होगाफिर … Read more
सच्चाई का सामना करना सीखो | तेरी चुप्पी बताती है | जो करीब होता है | अपने मन से पूछो सच्चाई का सामना करना सीखोसच्चाई का सामना करना सीखोअपनी स्वयं की पहचान बनाओं– Mukesh Bhatnagar … Read more
पृथ्वी के शरीर से उगता हुआ | मस्ती से मन को बहलाना | भीड़ में जब तन्हा, खुदको तुम पाओगे पृथ्वी के शरीर से उगता हुआएक अद्भुत खूबसूरत दिव्य आकाशजिस में समाया पूरे ब्रह्मांड का … Read more
आईना कहता है | उम्र बढ़ती उम्र के साथमन बूढ़ा नही होताइच्छायें नही मिटतीसीखने की प्यास नही बुझतीइन बूढ़ी आँखों मेभले चश्मे की दीवार चढ़ गई होपर दुनिया से बेख़बर हो जाएँऐसी इनकी इच्छा नही … Read more