इस मतलबी दुनिया में मैने रिश्तों को बदलते देखा है
इस मतलबी दुनिया मेँ मैने रिश्तों को बदलते देखा है इस मतलबी दुनिया मेँ, मैने रिश्तों को बदलते देखा है दोस्तों को नहीं मैने तो इश्क को भी बिकते देखा है… क्यों खाते हैं लोग कसमें … Read more
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इस मतलबी दुनिया मेँ मैने रिश्तों को बदलते देखा है इस मतलबी दुनिया मेँ, मैने रिश्तों को बदलते देखा है दोस्तों को नहीं मैने तो इश्क को भी बिकते देखा है… क्यों खाते हैं लोग कसमें … Read more
विश्वरुपम योगी राधा संग तूने प्रीत रचाई, गोपियों संग रास रचाके तूने पूरे जग में धूम मचाई| माखन तूने चुरा के खाया, बांसुरी की धुन पे तूने चिड़िया को जगाया| गैया तूने खूब चराई, गोवर्धन … Read more
अंत में अकेली मैं थी खड़ी अंत में अकेली मैं थी खड़ी… बेटा-बेटी, पोता-पोती और नातियों के बीच एक मैं भी खड़ी पर अफ़सोस तुम्हें कभी न दिखी बहु और बेटियों नें फर्क रखा तुमने … Read more
नदी के दो किनारे की तरह होते हैं कुछ रिश्ते थोड़े बेबुन्यादी, तो कुछ कच्चे-पक्के से होते हैं ये रिश्ते कुछ तूफानी, कुछ सरल थोड़े बेगानी, थोड़े मतलबी तो कुछ वक्त के साथ बदलते हैं … Read more
मैं क्यों लिखती हूँ श्याम से श्वेत तक कुछ रंगों की , बिखरी कथाओं को और, कभी कुछ हार्दिक यादों को समेटती हूँ, कभी आनंदित संतुलन के स्तर तक आत्मा को ऊपर उठाने का प्रयास … Read more
आकाश बहुत ऊँचा है और दूर बहुत हैं तारे आकाश बहुत ऊँचा है और दूर बहुत हैं तारे पर जब तुम पास होते हो मेरे तो सपने सच होते हैं सारे नभ का अँधेरा छट … Read more
हम अपने सपने में जीते मरते हैं हम अपने सपने में जीते मरते हैं पर ये तो हमारी किस्मत ही बताएगी कि कौन किसके पनाह में है… सपने होते हैं परछाई से जो रात ढ़लते आते हैं … Read more