अतिथि Post Naresh Thadani-बैठे बैठे

अतिथि Post: Naresh Thadani-बैठे बैठे

अतिथि Post: Naresh Thadani-बैठे बैठे बैठे बैठे बैठे बैठे मैं… इक खयाल बन जाता हूँ। जिसका कोई जवाब नहीं… मैं वोह सवाल बन जाता हूँ। नफरत और प्यार के बीच की उस डोर का मैं.. … Read more

आज फिर उस मोड़ पर मुड़ना हुआ

आज फिर उस मोड़ पर मुड़ना हुआ

-रंजीता नाथ घई आज फिर उस मोड़ पर मुड़ना हुआ… आज फिर उस मोड़ पर मुड़ना हुआ  जब रखा था पहला कदम मैंने इस देहलीज़ पर….. मन में डर और एक अजीब  सी बेचैनी थी, … Read more

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