नदी के दो किनारे की तरह होते हैं कुछ रिश्ते
नदी के दो किनारे की तरह होते हैं कुछ रिश्ते थोड़े बेबुन्यादी, तो कुछ कच्चे-पक्के से होते हैं ये रिश्ते कुछ तूफानी, कुछ सरल थोड़े बेगानी, थोड़े मतलबी तो कुछ वक्त के साथ बदलते हैं ये रिश्ते नदी के दो किनारे की तरह होते हैं कुछ रिश्ते… कहीं गहरे, कहीं उथले कहीं ज़िन्दगी का मुख … Read more