संकोच है किस बात का | जाना पहचाना लगता है
संकोच है किस बात का | जाना पहचाना लगता है यह कभी भी कम सच नहीं है कि यह मुश्किल दिनों में से एक है, हम उन चीजों पर काम करने की कोशिश करते रहते … Read more
from thoughts to poetry
संकोच है किस बात का | जाना पहचाना लगता है यह कभी भी कम सच नहीं है कि यह मुश्किल दिनों में से एक है, हम उन चीजों पर काम करने की कोशिश करते रहते … Read more
अपने दिल की सुनों | विश्वास किसी पर | कोई तरीक़ा तो होगा अपने दिल की सुनोंअक्सर देखा है जमाने में ,दूसरों से की मुहब्बत मुकम्मल नहीं होती।अगर करनी है मुहब्बत मुकम्मल यारों,तो दूसरों से … Read more
उम्मीदों की खिड़की | कभी अगर मैं रूठ जाऊं | खोजने से मिल जाता है उम्मीदों की खिड़की सदैव ले आती है रोशनी की किरणमुर्दों में भी जान आ जाती है ,आकाशी ताकतें करवटें लेने … Read more
अपनी क्षमता को तो तुम जानो | हर एक दोस्त जरूरी होता है क्यों घबराते होक्यों हार मानते होएक कदम बढ़ाकरअपनी क्षमता को तो तुम जानो।– Anita Gupta नहीं कभी पथभ्रमित होनाआत्म साक्षात्कार करो,क्षण मात्र … Read more